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Sunday, October 19, 2014

भारत का रहस्यमयी भुतहा भानगढ़ किला (india's haunted bhangarh fort)

वैसे तो हमारे देश में बहुत से हॉन्टेड प्लेस है लेकिन इस लिस्ट में जिसका नाम सबसे ऊपर आता है वो है भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort)। भानगढ़ कि कहानी बड़ी ही रोचक है 16 वि शताब्दी में भानगढ़ बसता है। 300 सालो तक भानगढ़ खूब फलता फूलता है। फिर यहाँ कि एक सुन्दर रानी पर काले जादू में महारथ तांत्रिक सिंधु सेवड़ा आसक्त हो जाता है। वो रानी को वश में करने लिए काला जादू करता है पर खुद ही उसका शिकार हो कर मर जाता है पर मरने से पहले भानगढ़ को बर्बादी का श्राप दे जाता है और तबसे भानगढ़ वीरान खँडहर में बदल चूका है। महारानी रत्नवती और तांत्रिक सिंधा सेवडा की कहानी : उस समय रानी रत्नावती का सौंदर्य बहुचर्चित था इसी कारन भानगढ़ का तांत्रिक सिंधा सेवडा उनपे आसक्त हो गया था। उस समय का वह प्रख्यात तांत्रिक था और बहुत बार अपनी कला और जादू महाराज को दिखने महल में आया करता था पर रानी रत्नवती पर उसकी बुरी नजर थी वह किसी भी हालत में रानी को पाना चाहता था। वह रानी को पाने के लिए बहुत से प्रयास करने लगा । रानी रत्नावती भी तंत्र मंत्र के बारे में जानती थी, कुछ दिनों में इस बात की भनक रानी रत्नावती को लग गयी और वह सतर्क रहने लगी। सिंधा सेव्डा को एक दिन पता चला की रानी रत्नावती हर शिवरात्रि को सोमेश्वर मंदिर में पूजा करने आती है तो वह शिवरात्रि का इंतजार करने लगा जब वो दिन आया तो वह तांत्रिक पुजारी का भेस बनाके मंदिर में जा बैठा और रानी आतेही उसे अपने हाथो से स्पर्श कर दिया जैसेही उस तांत्रिक ने रानी को स्पर्श किया जोरसे कदकडाहत हुई और सोमेश्वर महादेव के लिंग में दरार पड़ गयी लिंग खंडित हो गया तबतक रानी समझ चुकी थी की पुजारी के भेस में यह सिंधा सेवाडा तांत्रिक है रानी वहासे उठ गयी और उसने तांत्रिक से कहा की आज मेरा व्रत है इसलिए मै तुम्हे श्राप नहीं दे रही हु पर अगली बार गर तुम ऐसा कुकर्म करोगे तो उसकी सजा मौत होगी। पर फिरभी सिंधा सेवडा बाज नहीं आया और एकदिन जब रानीकी दासिया रानी के लिए इत्र खरीदने बाजार आई तो उस तांत्रिक ने रानी को अपने वश में करने के लिए इतर की एक शीशी मंत्रपूरित करदी । जब रानीने वह शिशियाँ देखि तो उसमे से एक शीशी का इत्र अन्दर ही अन्दर चक्कर खा रहा था ।रानी समझ गयी की यह सब उस तांत्रिक का किया धरा है । रानीने गुस्से से वह शीशी उठाकर अपनी महल की खिड़की से सिंधा सेवडा की टेकडी की तरफ फ़ेंक दी ।वह शीशी जाके एक बडेसे पत्थर पर गिर गयी और वह पत्थर उड़ते उड़ते सिंधा सेवडा पर जा गिरा सिंधा सेवडा तो मर गया पर मरते मरते रानी रत्नवती और भानगढ़ को बर्बादी का श्राप दे गया और कह गया की यह सारा प्रदेश वीरान हो जायेगा यहा कोई नहीं बचेगा। उसके बाद भानगढ़ में मौत का तांडव छा गया और अजबगढ़ ने भी भानगढ़ पर हमला बोल दिया उस युद्ध में भानगढ़ की तबाही हो गयी सारे लोग मर गये और भानगढ़ वीरान हो गया। आज भी भानगढ़ उसी तरह वीरान है ।आज भी भानगढ़ उस इतिहास का साक्षी है। किला ध्वंसावशेष हो चूका है पर भानगढ़ के मंदिर आज भी जैसे के वैसे है ।हा पर ज्यादातर मंदिर की मूर्तियाँ गायब है। पर सोमेश्वर मंदिर और वह सोमेश्वर महादेव लिंग आज भी वहा मौजूद है। भारत सर्कार ने सूर्यास्त के बाद इस किले में प्रवेश निषेध कर दिया है और इस जगह न रुकने की सलाह दी है। हालही में zee news की टीम इस किले में रात को सच जानने गयी थी तो उन्होंने भी यहाँ negative energy का अनुभव किया। और ज्यादातर मेंबर्स की हालत ख़राब हो गयी थी। और हा तब नाही पौर्णिमा थी नाही अमावस्या ....... !!!

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